★ मोहन राकेश ने एक जगह लिखा कि मेघदूत पढ़ते हुए मुझे लगा करता था कि वह कहानी निर्वासित यक्ष की उतनी नहीं है, जितनी स्वयं अपनी आत्मा से निर्वासित उस कवि की, जिसने अपनी ही एक अपराध अनुभूति को इस परिकल्पना में ढाल दिया है। ★ कालिदास उज्जयिनी https://stanford-case-study-solut98714.onesmablog.com/5-simple-techniques-for-case-study-help-76877075