“शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए हौंसलें बढ़ाने का काम करने वाली राहत इंदौरी की मोटिवेशनल शायरी कुछ इस प्रकार है – “मेरे अकेलेपन का क्या सबूत दूं, तन्हाई भी पास बैठ कर रोने लगी है।” क्या करें इश्क की तासीर ही ऐसी होती है। मैं https://youtu.be/Lug0ffByUck